डायबिटीज यानी मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसमें लंबे समय तक ब्लड में शुगर का स्तर ज़्यादा रहता है। इस बीमारी को आम लोगों की भाषा में धीमी मौत भी कहा जाता है। थकान, रूखी त्वचा, ज़्यादा भूक लगना, ज़्यादा प्यास लगना आदि मधुमेह के लक्षण होते है। यह एक ऐसी बीमारी है जो अगर किसी व्यक्ति को एक बार हो जाए तो जीवन भर साथ नहीं छोड़ती। परन्तु मधुमेह के लक्षण अगर समय पर पता लग जाए तोह उसका प्रबंधित करना आसान हो जाता है। इस बीमारी का सबसे बुरा असर यह है कि यह दूसरी कई बीमारियों को भी शरीर में बुला लेती है। मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को लीवर, किडनी की बीमारी, आंखों में दिक्कत होना आम है। दो दशक पहले तक यह बीमारी लोगों में 40 साल की उम्र के बाद होती थी लेकिन अब इस बीमारी का बच्चों में होना एक परेशानी का सबब बन चुका है।
विषयसूची
- मधुमेह क्या है?
- मधुमेह के लक्षण (शुरुआती)
- मधुमेह के लक्षण (अग्रिम)
- बच्चों में मधुमेह के लक्षण
- मधुमेह के लिए उपचार
1. मधुमेह क्या है?
मधुमेह एक ऐसा रोग है जिसमें ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ जाता है।
मधुमेह के प्रकार
मधुमेह को आमतौर पर नीचे दिए गए भागों में बांटा गया है:
टाइप 1 मधुमेह – यह आमतौर पर बच्चों और जवान लोगों में होता है। यह तब होता है जब मानव शरीर इंसुलिन को नहीं बना पाता। इम्यून सिस्टम मानव शरीर के खिलाफ हो जाता है और कोशिकाओं को बेकार कर देता है। यह कोशिका इंसुलिन हार्मोन को बनाने के लिए जिम्मेदार होती है।
टाइप 2 मधुमेह – यह आमतौर पर उम्रदराज लोगों में होता है। यह डायबिटीज का सबसे सामान्य किस्म का प्रकार होता है। गर्भ कालीन मधुमेह – यह गर्भवती महिलाओं में होता है जब उनके शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है और डिलिवरी के बाद सामान्य हो जाता है।
2. मधुमेह के लक्षण (शुरुआती)
मधुमेह के शुरुआती लक्षण इस प्रकार हैं:
- ज्यादा प्यास – मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को ज्यादा प्यास लगती है। रोगी को बार-बार पानी पीने की जरूरत महसूस होती है।
- बार-बार पेशाब लगना – रोगी को बार-बार पेशाब आता है इसकी वजह से काफी दिक्कत होती है।
- बहुत भूख – रोगी ज्यादा देर तक भूखा नहीं रह सकता। उसे थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ ना कुछ खाने की जरूरत महसूस होती है।
- वजन में गिरावट – प्रचुर मात्रा में खाना खाने के बावजूद रोगी के वजन में गिरावट आती है और उसे कमजोरी महसूस होने लगती है।
- थकान – मधुमेह के रोगी को थकावट महसूस होती है। वह ज्यादा देर तक शारीरिक काम नहीं कर सकता।
- धुंधलापन – रोगी को देखने में भी दिक्कत होती है और उसे धुंधलापन महसूस होता है।
- घाव भरने में समय लगना – रोगी को अगर कोई चोट लग जाए तो उसके घाव भरने में ज्यादा समय लगता है।
डायबिटीज-मधुमेह-के-लक्षण
3. मधुमेह के लक्षण (अग्रिम)
मधुमेह के अग्रिम लक्षण इस प्रकार हैं:
- डायबिटिक डर्माड्रोम – इसमें मधुमेह की वजह से त्वचा पर धब्बे पड़ जाते हैं, इन्हीं धब्बों को डायबिटिक डर्माड्रोम कहते हैं।
- डायबिटीज कीटोएसिडोसिस – इसका मतलब मेटाबोलिक प्रोसेस में गड़बड़ी होना होता है जिसकी वजह से पेट दर्द, उल्टी, घबराहट, थोड़ी बेहोशी, गहरी सांस जैसी दिक्कतें होती हैं। जो लोग टाइप 1 से पीड़ित होते हैं वह इसका अनुभव करते हैं।
- पेरीफेरल डायबिटिक न्यूरोपैथी – ऐसा तब होता है जब ब्लड में ग्लूकोस बढ़ जाता है जिसकी वजह से लोगों को काफी नुकसान हो जाता है। पैरों में सुई चुभने जैसा महसूस होता है जिसकी वजह से चलने में परेशानी होती है।
- मानसिक स्वास्थ्य – टाइप टू होने की वजह से रोगी डिप्रेशन में चला जाता है।
- डायबिटिक रेटिनोपैथी – मधुमेह आप पर भी बुरा असर डालता है। यह रेटिना में स्थित ब्लड वेसल को नुकसान पहुंचाता है जिससे रोगी अंधा भी हो सकता है।
4. बच्चों में मधुमेह के लक्षण
जैसे कि हम पहले ही चर्चा कर चुके हैं कि आजकल बच्चों में भी मधुमेह की बीमारी हो जाती है जिसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बच्चों में मधुमेह के शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं, बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर में यूरिन आना या फिर बार-बार बिस्तर को गीला कर देना, बिना किसी खास वजह के बच्चों का अपने आप ही वजन कम होना, बच्चों को भूख ना लगना।
5. मधुमेह के लिए उपचार
मधुमेह के उपचार के विकल्प नीचे दिए गए हैं:
- रोज़ 30 मिनट नियमित तौर से टहलें – रोज 30 मिनट तक टहलें, व्यायाम करें और अपने शरीर का ख्याल रखें।
- अपने वज़न पर संयम रखें – कम वसा और कम कैलोरी वाला खाना खाए जिससे कि शरीर के वजन पर संयम बना रहे।
- जीवन शैली में सुधार – एक अच्छी जीवन शैली का पालन करें जैसे पौष्टिक खाना ग्रहण करें, व्यायाम करें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें आदि।
- प्राकृतिक कच्चा भोजन – मधुमेह का उपचार करने के लिए प्राकृतिक कच्चा भोजन खाएं जैसे- फल, सब्जी, आदि।
- शुगर के लिए फाइबर का अधिक प्रयोग – ज्यादा फाइबर वाले भोजन को खाने से मधुमेह के रोग का उपचार किया जा सकता है।
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Takeaway
हेमी सोनेजा एक दिल्ली की माननिये डायबिटीज स्पेशलिस्ट है. हेमी सोनेजा काफी लंबे समय से रोगियों की समस्याओं का निदान कर रही हैं। उन्होंने अपने लंबे अनुभव का उपयोग करते हुए हर प्रकार के मधुमेह रोग का सफलतापूर्वक इलाज किया है।
FAQs
मधुमेह विभिन्न तरीकों से प्रकट हो सकता है, लेकिन तीन ऐसे प्रमुख लक्षण हैं जिन पर आपको जरूर ध्यान देना चाहिए वे हैं:-
बार-बार पेशाब आना (पॉलीयूरिया)
मधुमेह के सबसे आम लक्षणों में से एक है बार-बार पेशाब आना। आपके रक्त में ग्लूकोज का उच्च स्तर आपके किडनी की इसे पुनः अवशोषित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिससे बार बार पेशाब करने की इच्छा हो सकती है। यदि आपको सामान्य से अधिक बार पेशाब करने की आवश्यकता महसूस होती है, खासकर रात के दौरान, तो यह मधुमेह का एक संभावित लक्षण हो सकता है।
अत्यधिक प्यास (पॉलीडिप्सिया)
बार-बार पेशाब आने के साथ-साथ आपको कभी न बुझने वाली प्यास का भी अनुभव हो सकता है। जैसे-जैसे आपका शरीर पेशाब के माध्यम से अधिक तरल पदार्थ खोता है, आप निर्जलित (dehydrated) हो जाते हैं, जिससे प्यास की तीव्र अनुभूति होती है। अधिक पानी पीने से भी यह प्यास कम नहीं होती, अतः आप भी इस लक्षण का अनुभव कर रहे है तो आज ही अपने डॉक्टर से मिले और मधुमेह की जांच कराये।
भूख में वृद्धि (पॉलीफैगिया)
मधुमेह इंसुलिन के सामान्य कामकाज को बाधित कर सकता है। इंसुलिन एक हार्मोन जो रक्त शर्करा के स्तर को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है। जब आपकी कोशिकाओं को ग्लूकोज से आवश्यक ऊर्जा नहीं मिलती है, तो इससे आपको लगातार भूख लग सकती है और भूख बढ़ भी सकती है। अधिक खाने के बावजूद, आपकी कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज तक पहुंचने में असमर्थता के कारण आपका वजन कम हो सकता है।
कुछ लक्षण जैसे अत्यधिक प्यास लगना, बार बार पेशाब आना और शरीर के वजन का कम होना, ये कुछ सामान्य लक्षण है जो आपके रक्त शर्करा के स्तर के बारे में चिंता बढ़ा सकते हैं। लेकिन आपको मधुमेह है या नहीं यह निर्धारित करने के लिए आपको नीचे सूचीबद्ध किये गए चरणों पर विचार करना चाहिए:-
रक्त ग्लूकोज परीक्षण: आपके रक्त शर्करा के स्तर का आकलन करने का सबसे सटीक तरीका रक्त ग्लूकोज परीक्षण है। आप रक्त परीक्षण के लिए घरेलू रक्त ग्लूकोज मीटर का उपयोग कर सकते हैं या रक्त परीक्षण के लिए किसी विशेषज्ञ के पास जा सकते हैं। दो अलग-अलग मौकों पर 126 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम/डीएल) या इससे अधिक रक्त शर्करा का स्तर मधुमेह का संकेत दे सकता है।
ए1सी टेस्ट: यह रक्त परीक्षण पिछले तीन महीनों में आपके औसत रक्त शर्करा के स्तर को मापता है। 6.5% या इससे अधिक का ए1सी स्तर मधुमेह का संकेत है।
लक्षणों की निगरानी: पहले बताए गए लक्षणों पर पूरा ध्यान दें। यदि आप लगातार बार-बार पेशाब आने, अत्यधिक प्यास लगने और अधिक भूख लगने का अनुभव करते हैं, तो उचित मूल्यांकन के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना आवश्यक है।
मधुमेह के लक्षण दिखाई देने पर क्या करें?
यदि आपको संदेह है कि आपको मधुमेह हो सकता है या आप मधुमेह सम्बंधित लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो आपको क्या करना चाहिए:-
डॉक्टर से परामर्श लें: अपने डॉक्टर या मधुमेह विशेषज्ञ के साथ अपॉइंटमेंट शेड्यूल करें। वे निदान की पुष्टि करने और उपचार का उचित तरीका निर्धारित करने के लिए आवश्यक परीक्षण करेंगे।
चिकित्सा सलाह का पालन करें: यदि मधुमेह का निदान किया जाता है, तो दवा, जीवनशैली में बदलाव और आहार समायोजन पर अपने डॉक्टर के मार्गदर्शन का पालन करें। मधुमेह के प्रबंधन में अक्सर दवा, नियमित निगरानी और संतुलित आहार और व्यायाम आहार अपनाना शामिल होता है।
जीवनशैली में बदलाव: फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार अपनाकर आप एक स्वस्थ जीवनशैली अपना सकते है। नियमित शारीरिक गतिविधि और तनाव प्रबंधन भी मधुमेह के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
नियमित निगरानी: अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपने रक्त शर्करा के स्तर की निगरानी करें। इससे आपको अपनी प्रगति को ट्रैक करने और मधुमेह की अपनी उपचार योजना में आवश्यक समायोजन करने में मदद मिलेगी।